“नहीं प्रीति, तेरा कबीर तुझे प्यार नहीं करता, वो नार्सिसिस्ट होने के साथ-साथ एक लूजर है!” यही, एकदम यही था मेरे मन में, जब मैंने ‘कबीर सिंह’ देखी थी। तब मुझे लगा था कि काश, प्रीति की कोई अच्छी दोस्त होती जो उसे आईना दिखा पाती। लेकिन क्या आप जानती हैं कि नार्सिसिस्ट पार्टनर के रेड फ्लैग्स असल जिंदगी में भी दिखते हैं, बस हम उन्हें प्यार समझ बैठते हैं?
आपने सुना होगा अक्सर लड़कियों को कहते हुए, ‘मेरा वाला सबसे अलग है’, लेकिन डार्लिंग कैसे समझाऊं तुम्हें कि तुम्हारे परफेक्ट पार्टनर के पीछे टॉक्सिक या कंट्रोलिंग पार्टनर हो सकता है। लड़कियां हमेशा प्यार में अपनी आंखें बंद करके पार्टनर के कंट्रोलिंग बिहेवियर को केयरिंग से कंफ्यूज करने लगती हैं। शुरू में सब फेयरीटेल जैसा लगता है, लेकिन धीरे-धीरे यही प्यार दम घोंटने लगता है। ऐसा ही कुछ आप ट्रेंडिंग पाकिस्तानी ड्रामा ‘पमाल’ से सीख सकती हैं।
यह ड्रामा एक रोमांटिक कहानी नहीं है, ये एक आईना है जो दिखाता है कि कैसे एक ‘परफेक्ट’ दिखने वाला रिश्ता धीरे-धीरे दम घोंटने लगता है। चलिए इस ड्रामा से थोड़ा आपको रूबरू करवाएं और बताएं कि प्यार में कौन-से ऐसे रेड फ्लैग्स हैं, जिन्हें आपको नजरअंदाज बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
नार्सिसिस्ट की पहचान कराता ‘पमाल’

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पमाल’ सिर्फ एक रोमांटिक ड्रामा नहीं, बल्कि एक आईना है जो बताता है कि कैसे एक ‘परफेक्ट’ दिखने वाला रिश्ता धीरे-धीरे टॉक्सिक रिलेशनशिप बन सकता है। मलिका (सबा क़मर) और रज़ा (उस्मान मुश्ताक) की कहानी में वो सब है जो किसी भी लड़की को ‘फेयरिटेल’ लगे। लेकिन जैसे-जैसे कहानी खुलती है, आपको एहसास होता है कि यह प्यार नहीं, बल्कि एक कंट्रोलिंग पार्टनर की चालाकी है।
मल्लिका शायद रेड फ्लैग्स नहीं देख पाई क्योंकि प्यार में हम अक्सर वही देखते हैं जो हम देखना चाहते हैं। इसे क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. भावना बर्मी बड़ी अच्छी तरह से एक्सप्लेन करती हैं।
डॉ. भावना बर्मी कहती हैं, “नॉर्सिसिस्ट शुरुआत में अपनी सबसे अच्छी छवि दिखाते हैं जैसे पमाल में रज़ा। वे आपके सपनों को शुरू में सपोर्ट करते हैं, तारीफों के पुल बांधते हैं और एक ऐसा रिश्ता गढ़ते हैं जो किसी फेयरिटेल से कम नहीं लगता। यही ‘लव बॉम्बिंग’ उनका तरीका होता है आपको अपने जाल में फंसाने का। जब आप भावनात्मक रूप से जुड़ जाती हैं, तो उनका असली चेहरा सामने आता है। तारीफों की जगह ताने लेते हैं, गैसलाइटिंग से आपकी सच्चाई पर शक करते हैं और ‘केयर’ के नाम पर कंट्रोल करना शुरू कर देते हैं।” डॉ. भावना बर्मी के मुताबिक, ये सब नार्सिसिस्टिक पार्टनर रेड फ्लैग्स हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।”
कैसे पहचानें आपका पार्टनर ‘रज़ा’ टाइप नॉर्सिसिस्ट तो नहीं ?
1. सब कुछ उनके हिसाब से होना चाहिए
नार्सिसिस्ट पार्टनर के रेड फ्लैग्स का अहम पॉइंट यही है। प्यार में बराबरी होती है, लेकिन ऐसे लोगों के लिए ‘बराबरी’ नाम की कोई चीज नहीं होती। उनके लिए हर फैसला, हर राय सिर्फ उनके तरीके से होना चाहिए। कौन-सी फिल्म देखनी है, किस दोस्त से मिलना है, क्या पहनना है, सब कुछ वो तय करना चाहते हैं। अगर आप कुछ अलग कहना चाहें, तो वो आपको ड्रमैटिक कहकर शांत करा देंगे। इससे धीरे-धीरे आप अपनी पसंद, अपनी राय जताना छोड़ देंगी।
2. तारीफें बनने लगती हैं Criticism

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शुरुआत में वो आपको आसमान पर चढ़ा देंगे। “तुम जैसी कोई नहीं”, “तुम सब आसान कर देती” जैसी बातें कहेंगे, लेकिन फिर ये कमी में बदल जाएंगी। धीरे-धीरे आपकी बातों को जज किया जाएगा “तुम पर यह रंग अच्छा नहीं लगता”, “तुम पहली जैसी नहीं रही” जैसा क्रिटिजिज्म होने लगेगा। यह उनकी Emotional Manipulation की शुरुआत होती है।
3. केयरिंग के नाम पर कंट्रेल
अगर आपका पार्टनर आपको हर जगह जाने से मना कर रहा है और उसे केयर बताता है, तो डार्लिंग तुरंत भागो। वो परवाह करना नहीं होता, बल्कि कंट्रोल करना होता है। “तुम्हारे भले के लिए कह रहा हूं” या “मुझे तुम्हारी फिक्र है” जैसे डायलॉग्स असल में कंट्रोलिंग पार्टनर की निशानी है। शुरुआत में ये जेस्चर प्यारे लगते हैं, पर धीरे-धीरे ये आपकी आजादी को निगल लेते हैं।
4. गैसलाइटिंग के जरिए आपके मन में क्रिएट करते हैं डाउट
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गैसलाइटिंग ऐसे लोगों का बड़ा हथियार है। वे अक्सर आपकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं। आप खुद की बातों पर शक करने लगो, तो समझ लो आपके साथ गैसलाइटिंग की जा रही है। जैसे मान लीजिए अगर वो कुछ गलत कह दें और आप उन्हें टोकें, तो जवाब होगा, “तुम्हें गलत याद है” या “तुम हमेशा ओवरथिंक करती हो।” धीरे-धीरे आपको लगता है कि गलती सच में आपकी ही है। पर बहना तुम डटे रहना और नार्सिसिस्ट पार्टनर के रेड फ्लैग्स के इस चौथे पॉइंट को बिल्कुल नजरअदांज न करना।
5. अगर खेलने लगें आइसोलेशन गेम तो…
ऐसे लोग अक्सर आपकी दुनिया को छोटा बना देते हैं। अगर आपका पार्टनर आपको आपके फ्रेंड्स, फैमिली या रिलेटिव्स के खिलाफ भड़का रहा है, तो यह बड़ा रेड फ्लैग है। इससे आप अपने करीबी लोगों से दूरी बना लेंगी और आपका सारा ध्यान उन पर होगा। ऐसे में जब आप उन पर छोटी-छोटी चीजों के लिए डिपेंड हो जाती हैं, तो निकलना मुश्किल हो जाता है।
तो मेरी प्यारी सहेली ध्यान रखना कि अगली बार जब कोई रिश्ता बहुत परफेक्ट लगे, तो उसमें कूदने की बजाय, थोड़ा ठहरकर सोचना कि कहीं वह कबीर सिंह वाला कबीर, तेरे नाम का राधे या पमाल का रज़ा तो नही?
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