यशोवर्धन मिश्रा की पहली फिल्म “कटहल – ए जैकफ्रूट मिस्टरी” दो गायब हो जाने वाले कटहलों के बारे में एक हल्की कॉमेडी है। यह कटहल नेता श्री पटेरिया (विजय राज़) की खास संपत्ति हैं और इन्हे ढूंढने के लिए पूरी पुलिस बल तैनात की जाती है। और हालांकि फिल्म पहले अस्पष्ट लगती है, लेकिन सरल कहानी के माध्यम से गंभीर मुद्दों के बारे में बात करती है। “कटहल – ए जैकफ्रूट मिस्टरी” में हैं सान्या मल्होत्रा, विजय राज़ और राजपाल यादव।
कटहल के आचार से हुआ बवाल
पटेरिया एक स्थानीय नेता हैं जो आने वाले चुनाव में टिकट प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। और इस युद्ध को जीतने के लिए उनका चुना हुआ हथियार एक विशेष कटहल का अचार है। पर यह कोई आम कटहल नहीं हैं, ये मलेशिया के अंकल होंग के कटहल हैं। लेकिन जब पटेरिया को पता चलता है कि उनके दो कटहल चोरी हो गए हैं, तो वह बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं। समय बर्बाद किए बिना, पटेरिया पुलिस पर दबाव डालते हैं की अन्य सभी मामलों को छोड़कर, सब कटहल को ढूँढने में लग जाएँ। टास्क फोर्स और मामले का नेतृत्व कर रही हैं इंस्पेक्टर महिमा (सान्या मल्होत्रा) जिन्हें जातिवाद का सामना करना पड़ता है। लेकिन वह कभी भी इस बर्ताव से परेशान नहीं होती, और ना ही ऐसे रिपोर्टर से जो मशहूर होने के लिए कुछ भी कर सकता है।
जब पूरी टीम कटहल की तलाश में व्यस्त होती है, महिमा पटेरिया परिवार के माली से मिलती है, जिसे हाल ही में नौकरी से निकाल दिया गया था। जांच करने पर, महिमा को पता चलता है कि माली की बेटी पिछले कुछ दिनों से गायब है। इसलिए, महिमा पूरी कहानी पलट देती है और सबको यकीन दिलाती है कि गायब हुई लड़की ने कटहल चुराए हैं, ताकि सब उसे ढूंढ़ने में लग जाएं। लेकिन क्या महिमा अंत में लड़की या कटहल ढूंढ पाती है, या क्या उसे कुछ और, ज़्यादा खतरनाक सच पता चलता है?
एक हल्की कॉमेडी और बेहतरीन किरदार
“कटहल – ए जैकफ्रूट मिस्टरी” में अगर कॉमेडी है, तो साथ ही कुछ गंभीर मामलों पर चर्चा भी है। इस मूवी में सारे किरदार बहुत ही खूब लिखे गए हैं और उन्हे देखने में कभी बोरियत महसूस नहीं होती। यह मूवी Netflix पर उपलब्ध है।
क्या परिवार के साथ देख सकते हैं? जी बिल्कुल! अपने पूरे परिवार के साथ इस मूवी को इन्जॉय करें।